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कोरोना संकट से उबारने के लिए अभी-अभी आये अखिलेश यादव के ये सुझाव ! पढ़िए |
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कोरोना संकट के समय जनता से संयम की अपील करते हुए सरकार से जनता में विश्वास जगाने वाले कदम उठाने का भी सुझाव दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर सरकार राजनीति से ऊपर उठकर निर्णय ले तो वह गांव-गांव तक फैले समाजवादी पार्टी के संगठन व कार्यकर्ताओं की साइकिल के माध्यम से खाद्य-दवा आदि के वितरण में मदद ले सकती है। हम इसके लिए तैयार है।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से यह स्पष्टीकरण आना चाहिए कि उसके पास अभी कितने दिनों के लिए खाद्य सामग्री का भण्डारण है। गेहूं से आटा बनाने का काम सम्बन्धित औद्योगिक इकाइयों द्वारा तुरन्त शुरू करना चाहिए। इससे खाद्य सामग्री की जमाखोरी-कालाबाजारी पर रोक लगेगी। इसी तरह जो बच्चे मिडडे मील में पौष्टिक आहार पा रहे थे, उनके घरों तक इसे पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को यह बताने में भी नहीं हिचकना चाहिए कि प्रदेश के हर जिले में कोरोना की जांच की कितनी किटें उपलब्ध हैं। संक्रमण की आशंका को देखते हुए लोगों के लिए कितने आइसोलेशन वार्ड बने हैं और मरीजों के इलाज के लिए कितने वेंटीलेटर उपलब्ध है? इससे आश्वस्त लोगों में डर कम होगा। डाक्टरों, नर्सो और पैरामेडिकल स्टाफ का जनता को सम्मान करना चाहिए और उन्हें अपना कार्य करने का अवसर मिलना चाहिए। स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाये।
श्री अखिलेश यादव ने फसल पकने के बाद खेतों में खड़ी फसल की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा है कि कोरोना लाॅकडाउन के चलते फसल काटने के लिए मुंहमांगी कीमत पर मजदूर नहीं मिल रहे हैं। किसान की दूसरी चिंता यह भी है कि इन हालात में वह अपनी फसल कहां बेचेगा? क्या आढ़तियों के हाथों उसे औनेपौनें दाम पर लुटाने की मजबूरी होगी? श्री यादव ने कहा कि इससे पहले से ही नोटबंदी से परेशान किसान अब लाॅकडाउन में तो पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। उसके सामने जीवन-मरण की समस्या गम्भीर रूप ले लेगी। गन्ना किसानों के बकाये का तत्काल भुगतान करने की सरकार द्वारा व्यवस्था की जाये।
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