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तेजश्वी ने साधा सुशील मोदी पर निशाना - एक नंबर का धांधलीबाज़ और फ़रेबी व्यक्ति है सुशील

सुशील मोदी इतने बड़े धांधलीबाज़ और फ़रेबी व्यक्ति है कि है अपने माँ के कोख से जन्मे सगे भाई को अपना दूर का रिश्तेदार बताता है। जो व्यक्ति अपने भाई को रिश्तेदार बताता हो तो सोच लीजिये वह इंसान कितना बड़ा फ़्रॉड और दोगला होगा? अगर फिर भी कोई उनकी बातों पर यक़ीन करता है तो समझों वह जानबुझकर ज़हर पी रहा है। सुशील मोदी का अप्रवासी परिवार अरबों की काली कमाई के ढेर पर बैठा है। * सुशील मोदी यह साफ़ क्यों नहीं करते कि छोटे से कपडे की दुकान चलाने वाला मोदी खानदान आज खरबों का मालिक कैसे  बन बैठा? * इनके भाई राजकुमार मोदी की 10 हज़ार करोड़ की रीयल इस्टेट कंपनी इनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद कैसे आगे बढ़ी? * इनकी बहन रेखा मोदी को सृजन घोटाले के पैसे में बन्दरबाँट करने में सुशील मोदी ने कैसे मदद की? * यह ललित छाछवरिया इनका कौन सा रिश्तेदार जो इनके खानदान को खरबों की मनी लॉन्ड्रिंग में मदद कर रहा है? * क्यों बार बार शिकायतों के बावजूद वित्त मंत्री रहते इन्होंने और मुख्यमंत्री ने सृजन घोटाले में जाँच के आदेश नहीं दिए? * क्यों नहीं सुशील मोदी जेब में पड़े अगले हुक्म का इंतज़ार कर र

तेजश्वी यादव ने फिर ली नीतीश की चुटकी

माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी आजकल स्वयं से खफ़ा चल रहे है। कब, क्या और क्यों बोल रहे है इसका उन्हें आभास ही नहीं रहता। विगत दिनों में उनकी सोशल मीडिया को लेकर झुंझलाहट और खीझ सबको समझ में आती है। दरअसल प्रायोजित तौर-तरीक़ों से मुख्यमंत्री नीतीश जी कुछ मीडिया को मैनेज और एडिट करके ही अपना महिमामंडन करवाते आए हैं। इससे वो सुशासन बाबू भी बन गए। मुख्यधारा की कुछ समर्थित मीडिया को सरकारी प्रचार छीन लेने का डर दिखाकर एवं ब्लैकमेलिंग कर मीडिया रिपोर्टों को अपने पक्ष में करवाने  का दबाव बनाया जाता है। जुझारू और हिम्मती कलमवीर पत्रकारों को हटाने अथवा दूसरे काम में लगाने के लिए बाध्य किया जाता है। मुख्यमंत्री जी की एडिटिंग का यह स्तर है कि उनके विज्ञापनी दबाव में विपक्ष की आवाज को लगभग दबा दिया गया है। यहां तक कि नेता विरोधी दल के बयानों को भी कम से कम जगह दे कर निपटवा दिया जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश जी की आलोचना को उनके पार्टी की आलोचना के रूप में दिखा दिया जाता है। हम नीतीश कुमार लिखते है तो सुबह अख़बार में जदयू लिखा पाया जाता है। मुख्यमंत्री व सरकार विरोधी बयानों को नीतीश कु

तेजस्वी ने भेजी नीतीश को चिट्ठी ! पढ़िए पूरी खबर !

आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपका ध्यान इस ओर आकर्षित कराना चाहता हूं कि जिस तरह जुलाई में जनादेश का क़त्ल करके नई सरकार का गठन होने के बाद से आपकी सरकार में सहयोगी भाजपा और उसके अन्य संगठनों द्वारा राज्य में हिंसा का वातावरण पैदा किया जा रहा है, वह राज्य की जनता के हित में कतई नहीं है। यह सर्वविदित है कि भाजपा ने अपने राजनीतिक हित के लिए देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटना काफी पहले ही शुरू कर दिया था। शायद इसी ख़तरे को भाँपते हुए आपने संघमुक्त भारत की बात कही थी। लेकिन किस अनजान डर से अब आप संघयुक्त भारत की पैरवी कर रहे है यह रहस्य तो आप ही जानते है। यह सब समाज में ध्रुवीकरण करने और उसके आधार पर मतदान को प्रभावित कर राजनीतिक हित साधने का ही प्रयास है।आप इस रणनीति से राजनीतिक लाभ उठा सकते है लेकिन देश की गंगा-जमुनी तहजीब और संस्कृति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जब से राज्य में NDA सरकार बनी है तब से हिंसा की अनेकों वारदातें हो चुकी हैं जिसमें अफवाह फैला कर एक विशेष समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया और उस क्षेत्र के लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का प्रयास किया गया। अभ

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