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पी चिदंबरम के अलावा भी कई लोगों पर FIR दर्ज थी, लेकिन बीजेपी ज्वाइन करते ही वो पवित्र हो गए ?

             पिछले दो दिनों में देश दिनदहाड़े लोकतंत्र के साथ न्याय की हत्या का गवाह रहा है। सत्ता में बैठे लोगों द्वारा सीबीआई/ईडी का इस्तेमाल राजनैतिक रंजिश के तौर पर किया जा रहा है, पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ दुर्व्यवहार, दुर्भावनापूर्ण और सुनियोजित तरीके मुकदमा चलाया जा रहा है, जो मोदी सरकार द्वारा निजी और राजनीतिक प्रतिशोध से कम नहीं है, उनके नियंत्रण से बाहर हो रही अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, रुपये के अवमूल्यन और सभी क्षेत्रों में बेलगाम संकट के बीच अब हम वो सब देखेंगे, जो एक हताश मोदी सरकार 2.0 देश का ध्यान हटाने के लिए करेगी, कुछेक कठपुतली समाचार चैनलों के साथ सांठ-गाँठ करके भाजपा प्रचार मशीन पूरी तरह से बेबुनियाद, नकली समाचार और एकमुश्त झूठ के लिए काम करती है। तथ्य उनके दावे का समर्थन नहीं करते हैं, मामला 2007 से संबंधित है और पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी मामले के 12 साल बाद और पीएम मोदी के सत्ता में आने के 6 साल बाद होती है। न तो उन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें FIPB की अनुमति दी गई है, न ही कंपनी के अधिकारियों को, जिन्होंने अपराध किया है, 40 साल

The only thing this government knows about jobs is ‘Pakodanomics’: P. Chidambaram

AICC Press Conference After The Piyush Goyal Present the Budget for session 2019-20 at parliament House, The Congress leader P. Chidambaram, Randeep Surjewala and Priyanka Chaturvedi Address The media at AICC HQ, and said that - This was not Vote on Account, this was an account for votes, It was not an Interim Budget. It was a full-fledged Budget accompanied by an election campaign speech. By doing so, the government has trampled on time-honoured conventions. The govt has no hope of returning to power.The big takeaway is that the present govt has further weakened fiscal stability. For the 2nd year in succession the govt has missed the Fiscal Deficit target. The revised estimate shows a slippage from 3.3% to 3.4%.The govt’s desperation is proved by its announcement of the Farmers’ Income Support Scheme to provide a measly sum ₹6,000/year to every small/medium farmer.By recklessly breaching fiscal discipline, the govt will fund the Scheme this year entirely out of borrowed mo

अंतरिम वित्त मंत्री का अंतरिम बजट 'खोदा पहाड़, निकली चुहिया' जैसा साबित हुआ - कांग्रेस

Priyanka Chaturvedi कांग्रेस पार्टी ने आज मोदी सरकार द्वारा संसद भवन में पेश किये गए बजट पर समीक्षा करते हुए कहा की - अंतरिम वित्त मंत्री का अंतरिम बजट 'खोदा पहाड़, निकली चुहिया' जैसा साबित हुआ। मतलब 'वादे अनेक, काम नहीं एक, 4 एकड़ भूमि के किसान से 6000 रुपए का वादा तो किया, लेकिन मोदी सरकार ने डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक की कीमतें बढ़ाकर एवं कृषि उपकरणों पर जीएसटी लगाकर 4 एकड़ भूमि के स्वामित्व वाले किसान पर पहले से ही लगभग 24000 रुपए तक का बोझ डाल रखा है। इस तरह 4 एकड़ भूमि वाले किसान से मोदी सरकार 24000 रुपए वसूलकर 6000 रुपए दे रही है। मतलब किसान से 18000 रुपए तो फिर भी वसूले जा रहे हैं। अगर इस 6000 की धनराशि को 5 सदस्य वाले परिवार पर लागू किया जाए तो, एक व्यक्ति के हिस्से में 3.33 रुपए प्रति दिन आता है, जो आधा कप चाय की कीमत के बराबर है।  मोदी जी एक किसान को आधा कप चाय की कीमत के बराबर राहत देकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, देश के किसान के साथ इससे क्रूर मजाक नहीं हो सकता। असंगठित क्षेत्र के दस करोड़ श्रमिकों को 36000 रुपए सालाना पेंशन देने का एलान किया, जिसका कुल बज

वायु सेना द्वारा मांगे गये 126 में से 90 हवाई जहाज घटाकर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता क्यों किया गया मोदीजी।

AICC Media Byte by former Finance Minister P Chidambaram on Rafale भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आज प्रेसवार्ता को संबोधित किया और कहा की - अगर मोदी सरकार ये सोच रही है कि वो राफेल घोटाले को दबाने में सफल रही है, तो वो गलत सोच रही है। आज इसमें एक नया आयाम जुड़ गया है, 10 अप्रैल, 2015 को जब पीएम मोदी ने यूपीए वाले सौदे को रद्द किया और नये सौदे की घोषणा की, तो एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया - सरकार ने वायुसेना की 126 विमानों की जरूरत को खारिज करके केवल 36 विमान खरीदने का फैसला क्यों किया? इसका जवाब नहीं दिया गया. 'द हिंदू' अखबार में छपी नयी रिपोर्ट के मुताबिक़ - 2007 में UPA द्वारा तय कीमत 79.3 मिलियन यूरो थी। 2011 में यह 100.85 मिलियन यूरो हो गई। 2016 में मोदी सरकार ने 9% की छूट हासिल की लेकिन वो छूट 126 विमानों के लिए नहीं, 36 विमानों के लिए थी. वायु सेना ने भारत के हिसाब से 13 विशिष्ट बदलाव के लिए कहा था, जिसके लिए यूपीए सौदे और एनडीए सौदे में 1.3 बिलियन यूरो का भुगतान किया जाना था, लेकिन ये भुगतान यूपीए सौदे में 126 विमानों के लिए था,

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