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RJD नेता तेजस्वी यादव CM नीतीश कुमार के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के बाद क्या बोले ? Bihar Hub

Tejashwi Yadav                                                       माननीय नेता प्रतिपक्ष ने आज Video कॉन्फ़्रेन्सिंग के ज़रिए सर्वदलीय मीटिंग में भाग लिया। उन्होंने सरकार के स्वास्थ्य और आपदा विभाग द्वारा जारी आँकड़ों और प्रस्तुतीकरण पर सवाल उठा सरकार को अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने में जनप्रतिनिधियों को दरकिनार किया जा रहा है। अधिकारी जनप्रतिनिधियों की सुनते नहीं है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राहत और बचाव कार्यों में जनप्रतिनिधियों की सेवा ली जाए ताकि अधिकारी मनमानी ना कर सके। इसमें Check & Balance रहना चाहिए। जनप्रतिनिधियों पर विश्वास कर उन्हें महत्वपूर्ण ज़िम्मेवारी दी जाएँ। आपदा के समय कोई जनप्रतिनिधि झूठ तो बोलेगा नहीं। ना जनप्रतिनिधि झूठ बोलते है और ना सारे अधिकारी सच। नेता प्रतिपक्ष के सुझाव का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को जवाबदेही देने का आश्वासन दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार सरकार राज्य में कोरोना की कम संख्या को लेकर पीठ ना थपथपाए। जब बिहार में कोरोना की जाँच ही सबसे कम हो रही

तेजश्वी यादव ने फिर ली नीतीश की चुटकी

माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी आजकल स्वयं से खफ़ा चल रहे है। कब, क्या और क्यों बोल रहे है इसका उन्हें आभास ही नहीं रहता। विगत दिनों में उनकी सोशल मीडिया को लेकर झुंझलाहट और खीझ सबको समझ में आती है। दरअसल प्रायोजित तौर-तरीक़ों से मुख्यमंत्री नीतीश जी कुछ मीडिया को मैनेज और एडिट करके ही अपना महिमामंडन करवाते आए हैं। इससे वो सुशासन बाबू भी बन गए। मुख्यधारा की कुछ समर्थित मीडिया को सरकारी प्रचार छीन लेने का डर दिखाकर एवं ब्लैकमेलिंग कर मीडिया रिपोर्टों को अपने पक्ष में करवाने  का दबाव बनाया जाता है। जुझारू और हिम्मती कलमवीर पत्रकारों को हटाने अथवा दूसरे काम में लगाने के लिए बाध्य किया जाता है। मुख्यमंत्री जी की एडिटिंग का यह स्तर है कि उनके विज्ञापनी दबाव में विपक्ष की आवाज को लगभग दबा दिया गया है। यहां तक कि नेता विरोधी दल के बयानों को भी कम से कम जगह दे कर निपटवा दिया जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश जी की आलोचना को उनके पार्टी की आलोचना के रूप में दिखा दिया जाता है। हम नीतीश कुमार लिखते है तो सुबह अख़बार में जदयू लिखा पाया जाता है। मुख्यमंत्री व सरकार विरोधी बयानों को नीतीश कु

“दिल की बात- तेज़ भाई की सगाई और पिता जी की अनुपस्थिति” - तेजश्वी यादव

“दिल की बात- तेज़ भाई की सगाई और पिता जी की अनुपस्थिति” हम सभी नौ भाई-बहनों ने जीवन के हर सफर की शुरुआत हमेशा हमने पिताजी के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेकर ही की है, लेकिन कल मन थोड़ा व्यथित था कि तेज़ भाई के नए सफर की शुरुआत में उनका विराट व्यक्तित्व शारीरिक रूप से ख़ुशी की घडी में हमारे साथ शरीक नहीं था। सुख के क्षणों में हमने पिता की कमी महसूस की। हालाँकि मानसिक और वैचारिक रूप से सदैव वो हमारे अंग-संग रहते है। बचपन से सुनते आया हूँ वो हमें अक्सर कहते है, जो जनसेवा को समर्पित हो उसका कोई निजी जीवन नहीं होता, निजी खुशियां नहीं होती, निजी दुःख नहीं होता। जन-जन के संघर्ष के आगे परिवार की खुशियों का कोई मोल नहीं है। भाई के सगाई समारोह में पिता जी की यही बात बार-बार याद आ रही थी। भाई के नए सफर पर पिता के आशीर्वाद का हाथ उनके सिर पर नहीं था, ये शायद पहली बार था। पिता की कमी बहुत खली, लेकिन उनकी ये सीख हमारे साथ रही की निजी सुख-दुःख से ऊपर होकर हमारा जीवन बिहार के लिए समर्पित है और रहेगा। कई बार समझौते आपको और आपके परिवार को सुकून के पल और खुशियां दे जाते हैं । मेरे पिता ने आवाम क

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