दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चों-शिक्षकों के 'हिंदी रचना उत्सव' में प्रथम आई 10वीं की छात्रा शिवांशी की यह कविता पढ़िए... ....भाई पढ़ेगा प्राइवेट में मैं जाऊं सरकारी, क्या कभी मैं उड़ पाऊंगी विडम्बना थी भारी।.... ये सिर्फ कविता नहीं, लड़कियों के प्रति व्यवहार पर एक बयान है।
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