मेरठ मे एक दलित की पहचान करके उसे गोली मार दी गयी. बाकायदा एक लिस्ट बनायी गयी है. कुछ दलित युवक फरार बताए जा रहे हैं. उदित राज, मोदी सरकार मे सांसद कह रहे हैं के उनसे जुड़ी संस्थाओं के दलित कार्यकर्ताओं को ग्वालियर मे टार्गेट किया जा रहा है. मोदी सरकार के चार दलित सांसद मोदीजी को खत लिख कर कह चुके हैं के चार सालों मे दलितों के लिए कुछ नहीं किया गया है. इस बार के दलित आंदोलन के बाद पूरे भारत मे सिलसिलेवार तरीके से दलितों को निशाना बनाया जा रहा है. जैसा के मैने बताया, मेरठ में बाकायदा एक लिस्ट बनायी गयी और उस लिस्ट मे शामिल एक दलित की छाती पर कई गोलियां दाग दी गयीं. ये अप्रत्याशित है. दलितों के साथ इस देश मे अत्याचार होता रहा है, मगर बीजेपी राज्यों मे इस कदर निशाना लगाना पहले कभी नहीं हुआ. क्या अब उन्हे प्रदर्शन करने का अधिकार भी नहीं है? सोशल मीडिया ही नहीं आम बोलचाल मे भी कुछ लोग दलितों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं और अपने मूह से वाहियात शब्दों का प्रयोग करने वाले सभी लोगों मे एक ही चीज़ समान हैं. सब के सब.. मोदी भक्त. अंध भक्त. इनकी घृणा और हिकारत मुझे ना सिर्फ नि
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