सांगली जिले के पुत्र lokshahir annabhau की जयंती के अवसर पर aṇṇābhā के लोगों ने janmagāva की जन्मस्थली में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया । इस स्थान पर विधानसभा के समय वंदन किया गया । Rajarambapu और annabhau साठे दोनों दिग्गजों की जन्म शताब्दी शुरू कर रहे हैं । इस क्षेत्र में उपस्थित होने के लिए बहुत खुश हूँ । इन दोनों suputrānnī ने हमारी मछली के लिए काम किया । बलवंत का जन्म एक उपेक्षित समाज में हुआ था । उन्होंने अपने लेखन से उपेक्षित समुदाय की पीड़ा और समस्याओं को बनाया । उन्होंने समस्याओं को हल करने की कोशिश की अगर उन्हें दर्द नहीं मिला । जब बलवंत मुंबई आए तो मिल के कार्यकर्ताओं की लड़ाई बल हुई । हमारे न्याय के अधिकार के लिए उन्होंने मिल का काम किया । संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में annasaheb sāṭhēn̄cā का एक शेर हिस्सा था । दुनिया भर में मजदूरों और मजदूरों के सवालों पर बात करने वाले लेखकों की सूची में annasaheb का नाम प्रस्तुत किया जा रहा है । Annasaheb का आदर्श फुले, शाहू, कार्ल मार्क्स है । बलवंत अंतिम पुरुष के लाभ के लिए अपनी जगह और स्थिति का उपयोग करते हैं । उ
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