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कर्नाटक के पूर्व मंत्री और मशहूर अभिनेता अंबरीश का बेंगलुरु में निधन

Dr. Ambareesh कर्नाटक के पूर्व मंत्री और मशहूर अभिनेता अंबरीश का शनिवार रात को  निधन हो गया, उनके निधन पर सुपरस्टार रजनीकांत ने दुख जताते हुए कहा, 'वह मेरे अच्छे दोस्त थे और अच्छे इंसान. मैंने आज उनको खो दिया. वे मुझे हमेशा याद आएंगे.वे बेंगलुरु के विक्रम अस्पताल में भारती थे एवं गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे, कर्णाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने भी उनकी मौत पर दुःख व्यक्त किया - उन्होंने ट्वीट करके कहा, 'यह चौंकाने वाली खबर है. पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और सदाबहार अभिनेता अंबरीश अब हमारे बीच नहीं रहे.'  Yet another shocking news , Gentleman actor , Loved by all human , Former Union State Minister Sri Amabarish is no more . He had enlightened so many lives with his generosity . pic.twitter.com/518WzIEykN — Sadananda Gowda (@DVSBJP) November 24, 2018 ಅಂಬರೀಷ್ ತಮ್ಮ ಒಳ್ಳೆಯತನದಿಂದ ಎಲ್ಲರ ಅಣ್ಣ , ಎಲ್ಲರ ಸ್ನೇಹಿತ,ತಮ್ಮ ಹುಸಿ ಕೋಪ ಮುನಿಸಿನಿಂದಲೇ ಲಕ್ಷಾಂತರ ಜನರ ಪ್ರೀತಿ ಸಂಪಾದಿಸಿದ್ದ ಅಣ್ಣ . ಚಿತ್ರನಟರಾಗಿ , ರಾಜಕಾರಣಿಯಾಗಿ , ಹಿರಿಯಣ್ಣರಾಗಿ ಬಾವುಕ ಪ್ರೀತಿ ತೋರಿಸಿದ್ದ ಸಹೃದಯಿ ಇನ್ನಿಲ

Kanhaiya Kumar Views on Rabindra Nath Tagore

आज गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती है, सबसे पहले उनको नमन। कहते हैं कि शासक जब इतिहास बोध से शून्य हो तब जनता को इतिहास पर पैनी नजर रखनी चाहिए क्योंकि निकम्मा शासक वर्तमान में जिंदा लोगों के सवालों को इतिहास के गड़े मुर्दे उखाडकर ढंकने की कोशिश करता है। आज मैं आपका ध्यान टैगोर के राष्ट्रवाद और सघियों द्वारा राष्ट्रगान के विरोध पर आकर्षित करवाना चाहता हूँ। गुरुदेव ने राष्ट्र को शीशा और मानवता को हीरा बताया। उन्होनें कहा कि “मैं हीरे के दाम में शीशा नहीं खरीदूंगा, मैं हमेशा  मानवतावाद को राष्ट्रवाद से ऊपर मानता हूँ।” यदि आज वह ये बात बोलते तो सत्ता में बैठे लोग जो उनको नमन कर रहे हैं, तुरंत उनको एंटी-नेशनल या देशद्रोही बोल देते। आखिर क्या मजबूरी है कि तिरंगा और 'जन-गण-मन' का विरोध करने वाले लोग आज उस पर अपनी सत्ता टिकाए हुए हैं। दरअसल इनका ख़ुद का इतिहास आजादी की लड़ाई से गद्दारी का है, इसलिए इनको उन्हीं का झूठा सम्मान करना पड़ता है जिनको इतिहास में इन्होनें गालियां दी है। आपको बता दूँ कि संघियों ने कहा था कि 'जन-गण-मन' हमारा राष्ट्रगान नहीं हो सकता क्योंकि यह

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