भोपाल : सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंखयक वर्ग अधिकारी/ कर्मचारी संस्था (सपाक्स), सामान्य, पिछड़ा व अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था (सापक्स समाज) और समाज संस्था की युवा ईकाई संयुक्त रूप से केंद्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण का स्वागत करती है बशर्ते कि यह आरक्षण निर्धारित 50% की सीमा में हो। जानकारी के अनुसार उक्त आरक्षण आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के गरीबों को दिया जाना है। सपाक्स सिद्धांत रूप में हर वर्ग को आर्थिक आधार पर आरक्षण की पक्षधर है। यह बात स्वयं मान सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ "पदोन्नति में आरक्षण" प्रकरण में कह चुकी है कि अनु जाति/ जनजाति के लिए भी क्रीमी लेयर परिभाषित की जाए। यदि केंद्र सरकार संविधान संशोधन कर निर्धारित सीमा से बढ़ाकर यह आरक्षण देती है तो सपाक्स इसका विरोध करेगी। सपाक्स सिद्धांतत: सभी वर्गों को उनकी आबादी के मान से 50% की निर्धारित सीमा में आर्थिक आधार पर आरक्षण की पक्षधर है। यदि संविधान संशोधन कर ऐसा किया जाता है तो पुन: न्यायालय में इसे चुनौती मिलेगी। ऐसी स्थिति में यह एक राजनैतिक हथकंडा और लालीपोप सिद्ध होगा। (राजीव खरे) (
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