यदि केंद्र सरकार संविधान संशोधन कर निर्धारित सीमा से बढ़ाकर यह आरक्षण देती है तो सपाक्स इसका विरोध करेगी। सपाक्स सिद्धांतत: सभी वर्गों को उनकी आबादी के मान से 50% की निर्धारित सीमा में आर्थिक आधार पर आरक्षण की पक्षधर है। यदि संविधान संशोधन कर ऐसा किया जाता है तो पुन: न्यायालय में इसे चुनौती मिलेगी। ऐसी स्थिति में यह एक राजनैतिक हथकंडा और लालीपोप सिद्ध होगा।
(राजीव खरे) (डॉ के एल साहू)
सचिव अध्यक्ष
सपाक्स सपाक्स समाज
First they ignore you, then they laugh at you, then they fight you, then you win.#sapaks pic.twitter.com/O4AbbLPfAS— Sapaks - सपाक्स (@SapaksIndia) January 7, 2019
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