कश्मीर मुद्दे पर रवीश कुमार की ये रिपोर्ट जरुर पढ़ें | धारा 370 हटाने के नाम पे राजनीति कर रही है भाजपा
नोटबंदी के बाद जो आतंकवाद ख़त्म हो गया था उसी के कारण गठबंधन ख़त्म हो गया आज कश्मीर के कई बड़े अख़बारों ने पत्रकार शुजात बुख़ारी की हत्या के विरोध में अपने संपादकीय कोने को ख़ाली छोड़ दिया है। ईद की दो दिनों की छुट्टियों के बाद जब आज अख़बार छप कर आए तो संपादकीय हिस्सा ख़ाली था। ग्रेट कश्मीर, कश्मीर रीडर, कश्मीर आब्ज़र्वर, राइज़िंग कश्मीर के अलावा उर्दू अखबार डेली तमलील इरशाद ने भी संपादकीय ख़ाली छोड़ दिया। धारा 370 हटाने के नाम पर राजनीति करते रहने वाली बीजेपी इस धारा से मुड़ गई। पीडीपी के साथ तीन साल तक सरकार चलाई। कई चुनौतियां आईं मगर गठबंधन चलता रहा। प्रधानमंत्री की कश्मीर नीति का घोषित रुप नहीं दिखता है। ईंट का जवाब पत्थर से देने की रणनीति को ही अंतिम रणनीति मान ली गई और हालात अब इस मोड़ पर पहुंच गए हैं कि बीजेपी को फिर से मुड़ना पड़ रहा है। मुमकिन है कि अब वह फिर से धारा 370 का जाप करेगी। आतंकवाद कम नहीं हुआ। आतंकवादी हमले कम नहीं हुए। यह बीजेपी के राम माधव ही कह रहे हैं। क्या यह सिर्फ महबूबा की नाकामी है, फिर तीन साल तक बीजेपी के दस मंत्री सरकार में बैठकर भीतर से क