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संस्कृत भाषा पर CM अशोक गहलोत का जबरदस्त विशलेषण - पढ़िए विस्तार से..

CM Ashok Gehlot मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की यह कार्यक्रम बेहद अद्भुत है। जो भी विद्वान लोग इस तीन दिवसीय संस्कृत साहित्य सम्मेलन में आए हैं मैं उनका हार्दिक स्वागत करता हूँ। संस्कृत भाषा ने सदियों से भारत की महान परम्पराओं को पोषित एवं सुदृढ़ किया है। यह भाषा कई अन्य देशी-विदेशी भाषाओं की जननी भी है। राज्य सरकार राजस्थान में संस्कृत को समृद्ध बनाने के लिए भाषा विशेषज्ञों और साहित्यकारों की ओर से प्राप्त सुझावों को अमल में लाने का प्रयास करेगी। राजस्थान में संस्कृत भाषा के प्रति सकारात्मक माहौल हमेशा रहा है और इस भाषा को हमारे प्रदेश में उचित सम्मान मिला है। राजधानी जयपुर छोटी काशी के रूप में जानी जाती है। राजस्थान में संस्कृत के प्रचार-प्रसार हेतु संस्कृत शिक्षा निदेशालय के साथ-साथ अलग संस्कृत विश्वविद्यालय और संस्कृत एकेडमी स्थापित की गई, जो इस भाषा के उन्नयन के लिए कार्यरत हैं। :राजस्थान संस्कृत साहित्य सम्मेलन। जो मैंने कहा था आपको कि जो वादा किया वो निश्चित तौर पर निभा रहे है और हमारे विपक्षी पार्टी के लोग जो है अनावश्यक तमाशा खड़ा करते है अभी सरकार बने हुए ए

सत्ता से बाहर जाते-जाते भाजपा को अपनी याद के प्रतीक के तौर पर एक जुमला पार्क बनाना चाहिए !

Akhilesh Yadav Speech समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में नए वर्ष का उत्साह आज भी छलकता रहा। हजारों नौजवानों द्वारा जय अखिलेश, जय अखिलेश का नारा गुंजायमान रहा। लोग आज भी मिलकर शुभकामनाओं का आदान प्रदान करते रहे। श्री अखिलेश यादव ने आज नौजवानों एवं प्रमुख कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की और उनसे विस्तृत चर्चा की। पार्टी मुख्यालय के डाॅ0 लोहिया सभागार में अपने सम्बोधन में श्री अखिलेश यादव ने कहा कि मेड इन इण्डिया के बहाने भाजपा ने स्वदेशी आंदोलन को फांसी लगा दी है। विदेशी सामानों का आयात बढ़ रहा है। चीन और विदेश से सामान मंगाने के लाइसेंस बंट रहे हैं। बिचैलियों ने व्यवस्था पर कब्जा कर लिया हैं। विकास पिंजरे में कैद हो गया है। किसान, नौजवान सहित समाज का हर वर्ग हताश, कुंठित और परेशान है। वह अब लोकसभा चुनावों का इंतजार कर रहा है। समाजवादी साथियों को प्रदेश को बर्बादी से बचाने के लिए अब आगे आना होगा। Akhilesh Yadav श्री यादव ने कहा कि वर्तमान में जो सरकार चल रही है उसने दो तरह की शपथ ले रखी है एक संविधान की और दूसरी आरएसएस की। लेकिन संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। वर्तमान

वाजपेयी बीजेपी के प्रतीक थे..मोदी सत्ता के प्रतीक हैं..तो देश 2019 किस रास्ते जाएगा !

पुण्य प्रसून बाजपाई की ऑनलाइन रिपोर्ट - वाजपेयी बीजेपी के प्रतीक थे..मोदी सत्ता के प्रतीक हैं..तो देश 2019 किस रास्ते जाएगा ! -------------------------------------------------------------------------------- अटल बिहारी वाजपेयी के बग़ैर बीजेपी कैसी होगी, ये तो 2014 में ही उभर गया, लेकिन नया सवाल नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी का है क्योंकि 2014 के जनादेश की पीठ पर सवार नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कभी संभाली नहीं बल्कि सीधे सत्ता संभाली जिससे सत्ता के विचार बीजेपी से कम प्रभावित और सत्ता चलाने या बनाए रखने से ज़्यादा प्रभावित ही नजर आए. इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि जनसंघ से लेकर बीजेपी के जिस मिज़ाज को राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ से लेकर श्यामाप्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय या बलराज मधोक से होते हुए वाजपेयी-आडवाणी-जोशी ने मथा उस तरह नरेंद्र मोदी को कभी मौक़ा ही नहीं मिला कि वह बीजेपी को मथें. हां, नरेंद्र मोदी का मतलब सत्ता पाना हो गया और झटके में वह सवाल अतीत के गर्भ में चले गए कि संघ राजनीतिक शुद्धिकरण करता है और संघ के रास्ते राजनीति में आने वाले स्वयंसेवक अलग चाल, चरित्र और चेहरे

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