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PM मोदी के बालकनी पर खड़ा होकर मोमबत्ती जलाने के फैसले पर CPIM Bihar ने उठाये सवाल !

PM मोदी के बालकनी पर खड़ा होकर मोमबत्ती जलाने के फैसले पर CPIM Bihar ने उठाये सवाल ! कोरोना विषाणु से लड़ने की तयारी में भारी कमी, चिंताजनक !  CPIM  बिहार ने उठाया सवाल ! विशाल जनसंख्या जो गृहविहीन है ,उससे बालकनी और दरवाजे पर खड़ा होकर मोमबत्ती जलाने की अपेक्षा करना, पूरी तरह अव्यवहारिक सीपीआई(एम) राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने खुद कोराना विषाणु से लड़ने के संबंध में सरकार की जिन तैयारियों की कमी का जिक्र किया है,वह अत्यन्त चिंताजनक है। बिहार सरकार के पास स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षा सामग्रियों का घोर अभाव है।  सभी स्वास्थ्य कर्मियों में भय का वातावरण व्याप्त है। बिहार सरकार ने जितनी सामग्रियों की मांग की है उसका १०/ भी प्राप्त नहीं हो रहा है। बिहार के जिन प्रवासी मजदूरोंको राज्य के अलग-अलग हिस्सों में रखा गया है , वहां भोजन पानी, शौचालय आदि की व्यवस्था नहीं है। हम उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री अपने संदेश में बिहार और देश के ४०/ प्रतिशत गरीबों के लिए कुछ विशेष घोषणा करेंगे, लेकिन वैसा

सीपीआईएम बिहार ने हड़ताली शिक्षकों को तत्काल वेतन का भुगतान करने की मांग उठाई !

सीपीआईएम बिहार ने हड़ताली शिक्षकों को तत्काल वेतन का भुगतान करने की मांग उठाई ! हड़ताली शिक्षकों को तत्काल वेतन का भुगतान किया जाय - CPIM BIHAR सीपीआई(एम) राज्य सचिव अवधेश कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर और ट्वीट कर कहा बिहार के शिक्षक लम्बे समय से हड़ताल पर हैं। सरकार उनसे बात कर समाधान निकालने के बजाय उन्हें प्रताड़ित करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा आज पूरा देश कोराना विषाणु से लड़ने में लगा हुआ है, ऐसे समय में हड़ताली शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं करना, पूरी तरह अमानवीय कार्रवाई है। पार्टी बिहार राज्य कमिटी, सरकार की इस अमानवीय कार्रवाई की कटु शब्दों में निन्दा करती है। पार्टी मांग करती है कि सभी हड़ताली शिक्षकों को तत्काल वेतन का भुगतान किया जाय, जिससे वे भी कोराना विषाणु के खिलाफ जंग में शामिल हो सकें। बिहार के शिक्षक लम्बे समय से हड़ताल पर हैं। सरकार उनसे बात कर समाधान निकालने के बजाय उन्हें प्रताड़ित करने में लगी हुई है। आज पूरा देश कोराना विषाणु से लड़ने में लगा हुआ है, ऐसे समय में हड़ताली शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं करना, पूरी तरह

मोदी जी ने इस देश की आर्थिक रीढ़ को तोड़ दिया, जिसे कांग्रेस पार्टी ने बेहद सावधानी से तैयार..

Rahul Gandhi in Cochin, Kerela कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने आज केरल के कोचीन में अपना भाषण दिया, अपने संबोधन में उन्होंने कहा की आज, मैं कांग्रेस के बूथ अध्यक्षों, पार्टी कार्यकर्ताओं का दिल से सम्मान करना चाहता हूं, आप पार्टी की रीढ़ हैं, हमने शक्ति कार्यक्रम शुरू किया है, हमारे सभी कार्यकर्ता इससे जुड़ कर पार्टी नेतृत्व के साथ सीधे बात कर सकते हैं, त्रिवेंद्रम के नियाज़ ने कहा कि भारत में सस्ता और उच्च-गुणवत्ता वाला शिक्षा का ढांचा बनना चाहिए। मैं उनको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर खर्च बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम ऐसा भारत नहीं चाहते जहाँ बढ़िया विश्वविद्यालयों और बढ़िया अस्पतालों तक केवल अमीरों की पहुँच हो, मोदी जी ने मनरेगा और खाद्य सुरक्षा को कमजोर कर दिया। उन्होंने लाखों किसानों को उनकी जमीन का अधिकार देने वाले भूमि अधिग्रहण विधेयक को नष्ट किया, कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अपने देश के लिये बदलाव का काम किया है। हम बदलाव की राजनीति में विश्वास करते हैं, श्वेत क्रांति ने भारत को दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बनाया। हम

Kanhaiya Kumar Views on Rabindra Nath Tagore

आज गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती है, सबसे पहले उनको नमन। कहते हैं कि शासक जब इतिहास बोध से शून्य हो तब जनता को इतिहास पर पैनी नजर रखनी चाहिए क्योंकि निकम्मा शासक वर्तमान में जिंदा लोगों के सवालों को इतिहास के गड़े मुर्दे उखाडकर ढंकने की कोशिश करता है। आज मैं आपका ध्यान टैगोर के राष्ट्रवाद और सघियों द्वारा राष्ट्रगान के विरोध पर आकर्षित करवाना चाहता हूँ। गुरुदेव ने राष्ट्र को शीशा और मानवता को हीरा बताया। उन्होनें कहा कि “मैं हीरे के दाम में शीशा नहीं खरीदूंगा, मैं हमेशा  मानवतावाद को राष्ट्रवाद से ऊपर मानता हूँ।” यदि आज वह ये बात बोलते तो सत्ता में बैठे लोग जो उनको नमन कर रहे हैं, तुरंत उनको एंटी-नेशनल या देशद्रोही बोल देते। आखिर क्या मजबूरी है कि तिरंगा और 'जन-गण-मन' का विरोध करने वाले लोग आज उस पर अपनी सत्ता टिकाए हुए हैं। दरअसल इनका ख़ुद का इतिहास आजादी की लड़ाई से गद्दारी का है, इसलिए इनको उन्हीं का झूठा सम्मान करना पड़ता है जिनको इतिहास में इन्होनें गालियां दी है। आपको बता दूँ कि संघियों ने कहा था कि 'जन-गण-मन' हमारा राष्ट्रगान नहीं हो सकता क्योंकि यह

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