दुनिया का सबसे बडा लोकतांत्रिक देश बनाना रिपब्लिक की राह पर है, ये आवाज 2011 से 2014 के बीच जितनी तेज थी, 2014 के बाद उतनी ही मंद है या कहें अब कोई नहीं कहता कि भारत बनाना रिपब्लिक की दिशा में है। 2011 में देश के सर्वप्रमुख व्यवसायी रतन टाटा ने कहा भारत भी बनाना रिपब्लिक बनने की दिशा में अग्रसर है। साल भर बाद अप्रैल 2012 में भारत के वित्त सचिव आर. एस. गुजराल ने वोडाफोन को कर चुकाने के केन्द्र सरकार के आदेश के परिप्रेक्ष्य में कहा था कि भारत अभी बनाना रिपब्लिक नहीं है कि कोई विदेशी कम्पनी अपने आर्थिक लाभ को भुनाने भारत की ओर रुख कर ले और हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें। तीन महीने बाद ही 2012 में राबर्ट वाड्रा ने तंज कसा मैंगो पीपुल इन बनाना रिपब्लिक । अगले ही बरस कश्मीर को लेकर मुफ्ती मोहम्मद इतने गुस्से में आ गये कि 2013 में उन्होंने भारत की नीतियों के मद्देनजर देश को बनाना रिपब्लिक कहने में गुरेज नहीं की । और याद कीजिये 2014 लोकसभा चुनाव के परिणामो से ऐन पहले 8 मई को नरेन्द्र मोदी को एक खास जगह सिर्फ प्रेस कान्फ्रेंस करने से रोका गया तो अरुण जेटली को भारत बनाना रिपब्लिक नजर आन
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