हम इस मुद्दे को नहीं भूले हैं , हम बात कर रहे है उन्नाव रपे केस की , अभी – अभी आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के भाई की गिरफ़्तारी हुयी है , याद कीजिये गायत्री प्रजापति का मामला पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया उसे सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा तब जाकर गिरफ़्तारी हुयी यह मामला तो और भी बदतर है , २० जून २०१७ को पीडिता के साथ रपे होता है , अप्रैल को आर्म्स एक्ट के तहत पीडिता के पिता की गिरफ़्तारी होती है , ये वही दिन है जिस दिन इसकी पिटाई भी होती है , उसी दिन ये शख्स जेल भी जाता है , उन्नाव जेल superintendent का कहना है की ४ समर्थकों की शिकायत के बाद उस लड़की के पिता को अस्पताल के बाद जेल ले जाया जाता है , पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था और १२ फ़रवरी के बाद हाई कोर्ट जाने के बाद लड़की का केस पुलिस शिकायत में आया , अगर २० जून २०१७ के बाद यह करवाई होती तो शायद उस लड़की के पिता आज जिन्दा होते , सवाल ये है जब बलात्कार जैसा मामला है तो योगी को तलब नहीं करना चाहिए था !! कृपया अपनी राय दीजिये दोस्तों !!!
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