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बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के 63 वें परिनिर्वाण दिवस पर अखिलेश ने बजायी भाजपाइयों की बैंड !

Akhilesh Yadav Latest News समाजवादी पार्टी कार्यालय, लखनऊ में आज भारतरत्न बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के 63 वें परिनिर्वाण दिवस पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने देश को जो संविधान दिया है उससे नागरिकों को मूलभूत अधिकार मिले हैं।  श्री यादव ने कहा कि भारतीय संविधान में समाजवाद, धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक भारत बनाने की व्यवस्था है। समाजवादी पार्टी इसके लिए संकल्पित और संघर्ष के रास्ते पर है। राजनीतिक लड़ाई विचारों की है। संविधान से ही सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान की परवाह नहीं करती है। सामाजिक समानता के लिए भाजपा खतरा है। भाजपा नफरत की राजनीति करती है। भाजपा ने समाज में झगड़ा लगा दिया। आर्थिक गैरबराबरी भी भाजपा सरकार में बढ़ी है।  श्री अखिलेश यादव ने डाॅ0 लोहिया सभागार में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा की नीतियों से धर्मनिरपेक्षता को खतरा है। सभी सांप्रदायिक ताकतें लोकतंत

केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार के लूटतंत्र के जाल में किसान फंस गये हैं - अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav Pics समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से आज विभिन्न जनपदों से आये किसानों के प्रतिनिधिमण्डलों ने भेंट कर अपनी समस्याओं, भाजपा सरकार के दावों के विपरीत समर्थन मूल्य न मिलने और उत्पीड़न किये जाने के विषय में बताया। गन्ना का बकाया भुगतान तथा अन्य समस्याओं से अवगत कराया।  श्री यादव ने किसानों से मुलाकात में कहा कि किसानों ने बड़ी मेहनत करके पैदावार से अपने बोरे तो भर लिये हैं लेकिन उनकी जेबें अभी भी खाली हैं। फसल बिकने के इंतजार में खड़े किसानों के अंदर आक्रोश उफना रहा हैं क्योंकि सरकार ने एमएसपी तो घोषित कर दी है लेकिन ये नहीं बताया कि वो मिलेगी कहां से और देगा कौन? श्री यादव ने कहा कि केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार के लूटतंत्र के जाल में किसान फंस गये हैं। फसल बीमा योजना के नाम पर भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया है। किसानों को लूटा जा रहा है। फसल बीमा योजना में सन् 2016 से 2018 दो वर्ष के दौरान बीमा की दो कम्पनियों को 15795 करोड़ रूपए की आमदनी हुई। किसान को लोन तभी मिलता है जब बीमा की प्रीमियम राशि को बैंक काट लेता है। कि

भाजपा लोकतांत्रिक व्यवस्था की पवित्रता को नष्ट करने में लगी है - अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा लोकतांत्रिक व्यवस्था की पवित्रता को नष्ट करने में लगी है। साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के साथ समाज व्यवस्था को उलझाने की रणनीति बनाने में भाजपा को महारत है। उसके पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है। भाजपा सरकारें निष्क्रियता की शिकार हैं। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता का नितांत अभाव दिखाई देता है। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए चिंतनीय है।  श्री यादव आज पार्टी मुख्यालय मे ं पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो गरीब व्यवस्था का शिकार है वही समाज की दौड़ में पिछड़ा हुआ है। जिनके पास दौलत है, सŸाा की ताकत है वही लोग आगे हैं। आबादी के आधार पर ह़क और सम्मान की व्यवस्था जब तक लागू न हो तब तक सरकारी योजनाओं में आनुपातिक भागीदारी मिलनी चाहिए। समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो यह व्यवस्था लागू की जाएगी। फिलहाल समाजवादी पार्टी की मांग जातीय जनगणना की है ताकि संख्या के हिसाब से भागीदारी तय हो सके।  श्री अखिलेश यादव ने कहा कि स्वतंत्र भारत में किसानों

आंखे खोल देने वाला खुलासा. कहते हैं झूठ के पैर नहीं होते - अखिलेश ( पढ़िए पूरी खबर )

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कहते हैं झूठ के पैर नहीं होते हैं। कल जब मुख्यमंत्री जी प्रतापगढ़ के एक गांव में जनता से रूबरू हुए तो उन्हें अपनी सरकार के ढोल के पोल का अंदाजा हो गया। जनता को झूठे वादों से भरमाने की भाजपा सरकार की रीति-नीति का खुलासा आंखे खोल देने वाला हैं। यह बात तो उजागर हो गई है कि भाजपा सरकार से समाज का कोई वर्ग-किसान, नौजवान, महिला, छात्र, अल्पसंख्यक, व्यापारी, भी संतुष्ट नहीं है। सबके साथ धोखा हुआ है। भाजपा सरकार की रात ्रि चैपाल ढोंग के अलावा कुछ नहीं है। प्रदेश में खुद मुख्यमंत्री जी का कितना इकबाल है इसी से जाहिर है कि वे गोरखपुर में गेहूं क्रयकेंद्रो पर बोरा भी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। क्रय केन्द्रों पर पैसा नहीं है। मुख्यमंत्री जी गेहूं क्रय केन्द्र पर गए तो उन्हें पता चला कि गेहूं की खरीद में अधिकारियों की दिलचस्पी नहीं है। किसान को उसकी फसल का निर्धारित मूल्य 1735 रूपए भी नहीं मिल रहा है। आलू किसान के आलू खरीद का सरकारी मूल्य 549 रूपए प्रति कुंतल है पर किसान को वह भी नहीं मिला। वैसे आलू के उत्पादन की लागत प्रति हज

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