Madhya Pradesh के बच्चे घर पर लाॅकडाउन के पालन के साथ अपनी शैक्षिक गतिविधि कर रहे है ! |
भारत में वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना के चलते देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 23 मार्च 2020 को लाॅकडाउन की घोषणा की गई। इस घोषणा के चलते जैसे देश की रफ्तार थम गई, जो भी जिस स्थिति में था वहीं रह गया। कोरोना जैसी महामारी से बचाने के लिए हमारे प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक नागरिक से अपील करते हुए एक वाक्य दिया ‘स्टे होम स्टे सैफ‘ लाॅकडाउन के कारण सभी नागरिक तथा बच्चे घरों में रह रहे है। हमारे जिले तथा विकासखण्ड में भी लाॅकडाउन तथा धारा 144 लागू है।
शा.मा.वि. खेड़ा हुसैनपुर विकासखण्ड पहाड़गढ़ जिला मुरैना मुख्यालय से 65 कि. मी. की दूरी पर स्थित है। खेड़ा हुसैनपुर बसाहट में लगभग 200 परिवार निवासरत है। उस बसाहट में अधिकांश परिवार पिछड़ा वर्ग से है। अन्य पिछड़ा वर्ग जिसमें गुर्जर, कुशवाह एवं शिवहरे समुदाय के मजदूर एवं कृषक लोग निवासरत हैं। उक्त क्षेत्र शैक्षणिक दृष्टि से भी पिछड़ा हुआ है, लेकिन उक्त परिवेश में भी हमारे शिक्षक श्री रामभजन धाकड़ माध्य. शिक्षक की अगुवाई में बच्चे लगनपूर्वक शैक्षणिक गतिविधियों में सहभागिता कर संस्था के शैक्षिक स्तर में उन्नति कर रहे हंै। शाला की दर्ज संख्या 121 है।
शासन के आदेशानुसार कोरोना महामारी में भी सोशल डिस्टैन्स का पालन करते हुए कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास, जिला शिक्षाधिकारी एवं डीपीसी के मार्गदर्शन में खण्ड स्त्रोत समन्वयक श्री बृजेश शर्मा के निर्देशन में जन शिक्षा केन्द्र के सभी शाला सचिवों, स्व-सहायता समूह अध्यक्ष/सचिव द्वारा जन शिक्षकों की देख-रेख में निर्धारित मात्रा में बच्चों को घर-घर जाकर खाद्यान्न वितरण कर अपने दायित्व का निर्वहन किया है तथा खाद्यान्न सुरक्षा भत्ता अंगर्तत भी बच्चों के खातों में राशि प्राप्त होने से बच्चें आहरण भी कर रहे है तथा कार्य प्रगतिपूर्वक संचालित है। जन शिक्षा केन्द्र स्तर पर जन शिक्षा केन्द्र शा.उ.मा.वि. बर्रेण्ड के नाम से बच्चों की शिक्षा नहीं रूके शासन आदेशानुसार पालन में कक्षा शिक्षकों अभिभावकों, पालकों एवं बच्चों को जोड़कर जन शिक्षक सतीश कांकोरिया, चन्द्रपाल धाकड़ द्वारा वाट्सऐप गु्रप का निर्माण किया गया। जो बच्चों को दैनिक गतिविधियों सीखने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर रहा है। बच्चे घर पर रहकर लाॅकडाउन का पालन सोशल डिस्टेंन्स के साथ अपनी-अपनी शैक्षिक गतिविधि कर रहे है। शिक्षण में आने वाली कठिनाईयों और समस्याओं को कक्षा शिक्षक पालकों, अभिभावकों तथा बच्चों से सम्पर्क में रहकर निरंतर दूर कर रहे है। कक्षा शिक्षक तथा बच्चे सौहार्दपूर्ण माहौल में आनन्दयायी वातावरण में शैक्षिक गतिविधि कर अध्ययन की निरंतरता बनाए हुए है। जन शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त अध्ययन सामग्री को ग्रुपों में कक्षावार सेयर कर बच्चों तक भेजा जा रहा है।
वाट्सएप ग्रुप निर्माण में समस्यायें
सभी पालकों के पास एन्ड्राइड मोबाईल न होना। लाॅकडाउन के कारण मोबाईल बैलन्स न करा पाना। ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क की अनुपलब्धता। गरीबी, आर्थिक तंगी, मवेशी पालन, ग्रहकार्य, छोटे बच्चों की देखभाल आदि। शिक्षकों की शालाओं में कभी, कोरोना संकट काल। प्रत्येक कार्य क्षेत्र में कार्य के प्रारम्भ में समस्याएं अवश्यम्भावी होती है। बच्चों को सोशल डिस्टेंन्स का पालन कराने हेतु निर्देश देकर शिक्षा के महत्व को समझाकर एक दूसरे का सहयोग लेकर अध्ययन हेतु प्रेरित किया। बच्चों को रेडियो द्वारा भी सामाजिक दूरी का पालन कर रेडियो वाले बच्चों के रेडियो से प्रसारण सुनने हेतु प्रेरणा। नेटवर्क प्राप्ति हेतु ऊंचे स्थानों पर या नेटवर्क प्राप्ति स्थल पर कार्यक्रम प्राप्ति हेतु प्रेरित करना। रीचार्ज हेतु आॅनलाइन की स्थिति का प्रयोग।
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