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After ABP News, Modi govt. pressurised Cartoonist Satish Acharya, asked not make cartoons critical of Modi ji !

After ABP News, Mail Today pressurised by Modi govt. Cartoonist Satish Acharya asked not make cartoons critical of Modi ji. Read What  Cartoonist Satish Acharya Says  DROP THE CARTOON AND CARRY A PHOTO! That’s how my cartoon column with Mail Today ended yesterday. That’s how the editor looked at a cartoon and cartoonist’s opinion. That’s how the editor chose to shut a voice! The cartoon he rejected was about how China is surrounding India by spreading influence in countries like Maldives and others. The editor said the cartoon is ‘Very defeatist and the China problem is being overplayed’ I thought it’s how a cartoonist looked at the growing influence of China around Indian interests. So I said it’s debatable and cartoonist’s opinion should be valued. And in response, he asked the news desk to drop the cartoon and carry a photo. I have been battling to protect my freedom, to protect the sanctity of a cartoon column, for many days. May be for the editor it’s just thr

Punya Prasun Bajpai का ऑनलाइन Master Stroke - 71 बरस बाद भी क्यों लगते हैं, "हमें चाहिए आजादी" के नारे

71 बरस बाद भी क्यों लगते हैं, "हमें चाहिए आजादी" के नारे ------------------------------------------------------------------- आजादी के 71 बरस पूरे होंगे और इस दौर में भी कोई ये कहे , हमें चाहिये आजादी । या फिर कोई पूछे, कितनी है आजादी। या फिर कानून का राज है कि नहीं। या फिर भीडतंत्र ही न्यायिक तंत्र हो जाए। और संविधान की शपथ लेकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पदो में बैठी सत्ता कहे भीडतंत्र की जिम्मेदारी हमारी कहा वह तो अलग अलग राज्यों में संविधान की शपथ लेकर चल रही सरकारों की है। यानी संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी भीड़ का ही हिस्सा लगे। संवैधानिक संस्थायें बेमानी लगने लगे और राजनीतिक सत्ता की सबकुछ हो जाये । तो कोई भी परिभाषा या सभी परिभाषा मिलकर जिस आजादी का जिक्र आजादी के 71 बरस में हो रहा है क्या वह डराने वाली है या एक ऐसी उन्मुक्त्ता है जिसे लोकतंत्र का नाम दिया जा सकता है। और लोकतंत्र चुनावी सियासत की मुठ्ठी में कुछ इस तरह कैद हो चुका है, जिस आवाम को 71 बरस पहले आजादी मिली वही अवाम अब अपने एक वोट के आसरे दुनिया के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश में खुद को आजाद मानने का जश्न

भाजपा वि कांग्रेस - कौन जीतेगा मध्य प्रदेश | बड़ा सर्वे पढ़िए यह रिपोर्ट |

कांग्रेस जिस शिवराज सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी के भरोसे सत्ता का वनवास खत्म करने का यकीन रखती है ..उस राह में अभी भी कई रोड़े हैं.. कांग्रेस न तो शिवराज के मुकाबले कोई चेहरा चुनाव में सामने रख पाई है और ना ही कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक है.. क्योंकि जिस कांग्रेस में अभी कमलनाथ की टीम सामने नहीं आई वहां टिकट चयन से लेकर उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार अभियान और उसमें ज्योतिरादित्य की भूमिका बहुत मायने रखती है.. ज्योतिरादित्य को कमलनाथ ने जब अपने पीछे चलने को मजबूर किया है.. तब सिंधिया के लिए भी अपनी पुरानी भूमिका में नई लाइन पर आगे बढ़कर पहले कांग्रेस को बहुमत दिलाना और फिर पार्टी के अंदर अपनी स्वीकार्यता सिद्ध करना बहुत बड़ी चुनौती मानी जा रही है.. जिस कांग्रेस का लगभग 35 परसेंट अपना वोट बैंक अभी भी उसकी ताकत बना हुआ है आखिर वो पिछले तीन चुनावों में भाजपा को मात क्यों नहीं दे पाई.. क्या 8 से 10% वोट बैंक का अंतर वो सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी के भरोसे पूरा करना चाहती है या उसका अपना कार्यकर्ता, बूथ प्रबंधन और इलेक्शन मैनेजमेंट फिर कमजोर कड़ी साबित होगा.. जहां

कश्मीर मुद्दे पर रवीश कुमार की ये रिपोर्ट जरुर पढ़ें | धारा 370 हटाने के नाम पे राजनीति कर रही है भाजपा

नोटबंदी के बाद जो आतंकवाद ख़त्म हो गया था उसी के कारण गठबंधन ख़त्म हो गया आज कश्मीर के कई बड़े अख़बारों ने पत्रकार शुजात बुख़ारी की हत्या के विरोध में अपने संपादकीय कोने को ख़ाली छोड़ दिया है। ईद की दो दिनों की छुट्टियों के बाद जब आज अख़बार छप कर आए तो संपादकीय हिस्सा ख़ाली था। ग्रेट कश्मीर, कश्मीर रीडर, कश्मीर आब्ज़र्वर, राइज़िंग कश्मीर के अलावा उर्दू अखबार डेली तमलील इरशाद ने भी संपादकीय ख़ाली छोड़ दिया। धारा 370 हटाने के नाम पर राजनीति करते रहने वाली बीजेपी इस धारा से मुड़ गई। पीडीपी के साथ तीन साल तक सरकार चलाई। कई चुनौतियां आईं मगर गठबंधन चलता रहा। प्रधानमंत्री की कश्मीर नीति का घोषित रुप नहीं दिखता है। ईंट का जवाब पत्थर से देने की रणनीति को ही अंतिम रणनीति मान ली गई और हालात अब इस मोड़ पर पहुंच गए हैं कि बीजेपी को फिर से मुड़ना पड़ रहा है। मुमकिन है कि अब वह फिर से धारा 370 का जाप करेगी। आतंकवाद कम नहीं हुआ। आतंकवादी हमले कम नहीं हुए। यह बीजेपी के राम माधव ही कह रहे हैं। क्या यह सिर्फ महबूबा की नाकामी है, फिर तीन साल तक बीजेपी के दस मंत्री सरकार में बैठकर भीतर से क

रवीश कुमार का राज्यवर्धन राठौड़ के नाम ये पत्र जरुर पढ़ें

राज्यवर्धन राठौड़ तक कोई मेरा यह पत्र पहुंचा दे प्लीज़ माननीय राज्यवर्धन राठौड़ जी, आपका एक नया वीडियो देख रहा हूं जिसमें आप भारत सरकार के कार्यालय में पुश अप कर रहे हैं। उम्मीद है आपके मंत्रालय के सचिव, निदेशक और सभी कर्मचारी काम छोड़ कर पुश अप कर रहे होंगे। बिना काम छोड़े पुश अप तो हो नहीं सकता। मैं जानना चाहता हूं कि जो चैलेंज आप दूसरों को दे रहे हैं, उसकी आपके मंत्रालय के भीतर क्या स्थिति है? क्या वे आपको देखते ही पुश अप करने लग जाते हैं या आप आते हैं तो अपने पुश अप का वीडियो बनाकर दिखा देते हैं। सचिव जी क्या कर रहे हैं, उन्हें भी कहिए कि पुश अप कर ट्विट करें। क्या यह अच्छा रहेगा कि कुछ डाक्टरों और जिम ट्रेनर की टीम आपके मंत्रालय के कर्मियों की स्वास्थ्य समीक्षा करे। ये जो आप पुश अप कर रहे हैं वो योग के किस आसन के तहत आता है? सूर्यनमस्कार में भी दंड पेलने की एक संक्षिप्त मुद्रा है और भुजंगासन भी इसका समानार्थी है। पर्वतासन में भी आता है और मुमकिन है कि इसका एक स्वतंत्र आसन भी होगा। लेकिन मंत्री जी आप जिस तरह चमड़े के जूते और कसी हुई कम मोहरी वाली पतलून में पुश अप कर

मध्य प्रदेश चुनावों में अखिलेश ने चला ये बड़ा दांव | पढ़िए पूरी खबर

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की 18, 19 एवं 20 मई 2018 की मध्य प्रदेश यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक रही। इस यात्रा में वे सीधी, रीवां, सतना, पन्ना, छतरपुर एवं खजुराहांे गए। मध्य प्रदेश में श्री अखिलेश यादव की इस सघन यात्रा के कई राजनैतिक संकेत भी मिले हंै। उन्होने मध्य प्रदेश में भाजपा के 15 वर्षो के शासनकाल की विफलता की घोषणा करते हुए कहा कि विधानसभा के आगामी चुनावों में समाजवादी पार्टी सभी 230 सीटों पर मध्य-प्रदेश में चुनाव लड़ेगी। उन्होने मध्य प्रदेश से गहरा रिश्ता बनाने की इच्छा जताते हुए कहा कि इस बार मध्य प्रदेश मंे भी साइकिल चलेगी। इस पूरी यात्रा में उनका जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ। मध्य प्रदेश यात्रा में श्री अखिलेश यादव ने खुलकर राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा की। उन्होने किसानों, नौजवानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और जिन किसानों ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी उनके परिवारजनों से मिलकर यह संदेश दिया कि देश के अन्नदाता के प्रति उनके मन में गहरी संवेदना है और वास्तव में उनकी बेहतर जिंदगी के पैमाने तय करने

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की आईटी सेल में हुआ बदलाव !!

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की आईटी सेल में हुआ बदलाव, अध्यक्ष पद को किया खत्म, धर्मेन्द्र वाजपेयी समन्यवक व अभय तिवारी बने संयोजक भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदले जाने के बाद लगातार बदलाव जारी है। आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी आई टी सेल व सोशल मीडिया की प्रदेश अध्यक्ष विभा बिंदु डोगरे को हटाकर अब अध्यक्ष न नियुक्त करते हुए समन्वयक व संयोजक बना दिये गए है। दिल्ली से जारी हुए नियुक्ति पत्र में अ.भा.कांग्रेस कमेटी की आईटी सेल की राष्ट्रीय अध्यक्ष दिव्या स्पंदना ने म.प्र.कांग्रेस कमेटी आईटी सेल के समन्यवक पद पर धर्मेन्द्र वाजयेपी एवं संयोजक पद पर अभय तिवारी को नियुक्त किया है। अब यहां भी प्रदेश कांग्रेस की तरह कार्य का विभाजन किया गया है। दिल्ली से जारी नियुक्ति पत्र के मुताबिक अभय तिवारी नये संगठन को खड़ा करेंगे व सोशल मीडिया से संबधित कार्य देखेंगेे व धर्मेन्द्र वाजपेयी नई टीम को ट्रेनिंग देने के साथ ही टेक्निकल कार्य को देखेंगे। इन नियुक्ति के बाद अब भाजपा की सोशल मीडिया टीम को इन दोनों पदाधिकारीयों का अनुभव पटकनी देने की रणनीति

आंधी-तूफान को लेकर अखिलेश ने योगी सरकार को घेरा - पढ़िए पूरी खबर

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बुधवार को आए आंधी-तूफान ने आगरा सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। जनधन की भीषण क्षति हुई है। सौ से ज्यादा नागरिकों और बड़ी संख्या में पशुओं की मौतें हुई हैं। सैकड़ो लोग घरो से बेघर हुए हैं ओर मलबे में दबकर तमाम लोग घायल हुए हैं। ऐसी भयंकर प्राकृतिक आपदा में भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी का आचरण संवेदनशून्यता की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा। जब उन्हें राजधानी में रहकर इस विप Ÿिा से बचाव और राहत के कामों को सुनिश्चित करना था तब मुख्यमंत्री जी कर्नाटक के चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। लोग हैरत में है कि उनकी प्राथमिकता में उत्तर प्रदेश है या कर्नाटक? भाजपा सरकार आपदा प्रबंधन के मामले में पूरी तरह विफल साबित हुई है। आंधी तूफान ग्रस्त इलाकों में बचाव और राहत के कामों के समय से शुरू न होने से लोगों के जो कष्ट बढ़े उस पर शासन-प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। जनधन की क्षति के सरकारी विवरण भी संदिग्ध हैं। अभी भी मौसम विभाग पुनः संकट आने के बारे में चेतावनी दे रहा हैं। ऐसे में भाजपा सरकार केव

Cash Crunch को लेकर बोले अखिलेश यादव !!

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय पर मीडिया को सम्बोधित करते हुये कहा कि एटीएम में नोट न होना किसी बड़ी साजिश का संकेत है। उन्होंने कहा कि केन्द्र के इशारे पर कहीं नोटों की जमाखोरी तो नहीं हो रही है? यदि कैश नहीं होगा तो व्यापार ठप्प हो जायेगा। अगर नोटों की जमाखोरी हो रही है तो सरकार क्या कर रही है?  पूर्व मुख्यमंत्री श्री यादव ने कहा कि कैशलेश अर्थव्यवस्था की वकालत करने वाली केन्द्र सरकार को यह बताना चाहिए कि  नोट छपवाने का कागज विदेश से मंगाया जाता है और पर्याप्त संख्या में नोट भी छपवाया गया ऐसे में सवाल यह उठता है कि नोट गायब कहां हो गया? यह एक अन्तर्राष्ट्रीय षडयंत्र हो सकता है। पिछले साल हुए नोटबंदी से किसानों और गरीबों का बहुत नुकसान हुआ। समाज का हर वर्ग इस फैसले से परेशान है। इसके बाद भी भाजपा इसे अपनी उपलब्धि बताती है। भाजपा के शासन काल की जनविरोधी नीतियों से जनता में भारी आक्रोश एवं असंतोष है। श्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। लूट-हत्या-बलात्कार की घटनाओं से जनता बुरी त

Rahul Gandhi address at the Congress Plenary Session

LIVE: Congress Party's Plenary Session, Indira Gandhi Indoor Stadium, New Delhi. #ChangeIsNow #CongressPlenary Change is in the air as the 84th Plenary Session of the Congress Party begins today in New Delhi. As this historic occasion unfolds with new ideas that’ll shape the future of our country, The country is tired of what is happening under the current Govt. Only the Congress party can show the way and heal divisions in the nation: Congress President Rahul Gandhi The representatives of our party have fought hard to keep our ideology alive. The senior leaders of the Congress will guide the party youth and take us forward The difference between our party and the incumbent ruling party is that they follow the ideology of hatred while we follow the ideology of love and fraternity देश को सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही रास्ता दिखा सकती है| कांग्रेस पार्टी प्यार और भाईचारे का प्रयोग करती है जबकि विपक्ष क्रोध का इस्तेमाल करती है| कांग्रेस पार्टी देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए क

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