Skip to main content

Posts

Showing posts with the label journalist

Ad

भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था रद्दी हो चुकी है, बीमा का प्रोपेगैंडा और रद्दी करेगा - रवीश कुमार

भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था रद्दी हो चुकी है, बीमा का प्रोपेगैंडा और रद्दी करेगा आने वाले दिनों में भारत का मीडिया आपको कश्मीर का एक्सपर्ट बनाने वाला है। पहले भी बनाया था मगर अब नए सिरे से बनाएगा। मैं उल्लू बनाना कहूंगा तो ठीक नहीं लगता इसलिए एक्सपर्ट बनाना कह रहा हूं। भारत की राजनीति बुनियादी सवालों को छोड़ चुकी है। वह हर महीने कोई न कोई थीम पेश करती है ताकि आप उस थीम के आस-पास बहस करते रहें। मैं इसे समग्र रूप से हिन्दू मुस्लिम नेशनल सिलेबस कहता हूं। आप किसी भी राजनीतिक पक्ष के हों मगर इसमें कोई शक नहीं कि मीडिया ने आपको राजनीतिक रूप से बर्बाद कर दिया है। प्रोपेगैंडा से तय किया जा रहा है कि हमारे मुल्क की वास्तविकता क्या है। भारत का नाम योग में पहले भी था और आज भी है। 70 के दशक की अमरीकी फिल्म देख रहा था। उसके एक सीन में प्रातकालीन एंकर योग के बारे में बता रही है। योग की बात करने में कोई बुराई नहीं है, मैं ख़ुद भी योग करता हूं मगर योग और बीमा को स्वास्थ्य सुविधाओं का विकल्प समझ लेना राष्ट्रीय मूर्खता से कम नहीं होगा। 2005 से भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय एक नेशनल हेल्थ प

कश्मीर मुद्दे पर रवीश कुमार की ये रिपोर्ट जरुर पढ़ें | धारा 370 हटाने के नाम पे राजनीति कर रही है भाजपा

नोटबंदी के बाद जो आतंकवाद ख़त्म हो गया था उसी के कारण गठबंधन ख़त्म हो गया आज कश्मीर के कई बड़े अख़बारों ने पत्रकार शुजात बुख़ारी की हत्या के विरोध में अपने संपादकीय कोने को ख़ाली छोड़ दिया है। ईद की दो दिनों की छुट्टियों के बाद जब आज अख़बार छप कर आए तो संपादकीय हिस्सा ख़ाली था। ग्रेट कश्मीर, कश्मीर रीडर, कश्मीर आब्ज़र्वर, राइज़िंग कश्मीर के अलावा उर्दू अखबार डेली तमलील इरशाद ने भी संपादकीय ख़ाली छोड़ दिया। धारा 370 हटाने के नाम पर राजनीति करते रहने वाली बीजेपी इस धारा से मुड़ गई। पीडीपी के साथ तीन साल तक सरकार चलाई। कई चुनौतियां आईं मगर गठबंधन चलता रहा। प्रधानमंत्री की कश्मीर नीति का घोषित रुप नहीं दिखता है। ईंट का जवाब पत्थर से देने की रणनीति को ही अंतिम रणनीति मान ली गई और हालात अब इस मोड़ पर पहुंच गए हैं कि बीजेपी को फिर से मुड़ना पड़ रहा है। मुमकिन है कि अब वह फिर से धारा 370 का जाप करेगी। आतंकवाद कम नहीं हुआ। आतंकवादी हमले कम नहीं हुए। यह बीजेपी के राम माधव ही कह रहे हैं। क्या यह सिर्फ महबूबा की नाकामी है, फिर तीन साल तक बीजेपी के दस मंत्री सरकार में बैठकर भीतर से क

योगी जी क्या ये आपका रामराज्य है? - अभिसार शर्मा | पढ़िए पूरी खबर

हम इस मुद्दे को नहीं भूले हैं , हम बात कर रहे है उन्नाव रपे केस की  , अभी – अभी आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के भाई की गिरफ़्तारी हुयी है , याद कीजिये गायत्री प्रजापति का मामला  पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया उसे सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा तब जाकर गिरफ़्तारी हुयी यह मामला तो और भी बदतर है , २० जून २०१७ को पीडिता के साथ रपे होता है , अप्रैल   को आर्म्स एक्ट के तहत पीडिता के पिता की गिरफ़्तारी होती है , ये वही दिन है जिस दिन इसकी पिटाई भी होती है ,  उसी दिन ये शख्स जेल भी जाता है , उन्नाव जेल superintendent  का कहना है की ४ समर्थकों की शिकायत के बाद उस लड़की के पिता को अस्पताल के बाद जेल ले जाया जाता है , पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था और १२ फ़रवरी के बाद हाई कोर्ट जाने के बाद लड़की का केस पुलिस शिकायत में आया , अगर २० जून २०१७ के बाद यह करवाई होती तो शायद उस लड़की के पिता आज जिन्दा होते , सवाल ये है जब बलात्कार जैसा मामला है तो योगी को तलब नहीं करना चाहिए था !! कृपया अपनी राय दीजिये दोस्तों !!!

Ad